30 वर्ष से कम उम्र कीं 7 महिलाएं बनीं अध्यक्ष, 49 निकायों में से 20 पर महिलाएं काबिज

 प्रदेश के 49 निकायों में कांग्रेस ने 37 में अपना बोर्ड बना लिया। भाजपा महज 12 शहरों में सिमट गई। इसमें खास बात यह है कि 49 में से 20 पदों पर महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। इनमें भी 7 महिलाएं 30 वर्ष से कम आयु की हैं। तीन नगर निगमों में से उदयपुर और बीकानेर में भाजपा के मेयर बने तो भरतपुर में कांग्रेस का। साल 2014 के चुनाव से तुलना की जाए तो भाजपा को इस बार 28 निकायों का घाटा हुआ है, जबकि कांग्रेस को 31 निकायों का फायदा हुआ है।


2014 में हुए 46 निकायों के परिणामों में से भाजपा 40 बोर्ड पर काबिज हुई थी। प्रदेश के 49 निकायों में से 46 के परिणाम मंगलवार को जारी हुए। तीन निकायों रूपवास, मकराना और निम्बाहेड़ा में कांग्रेस के अध्यक्ष पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे। मंगलवार को जिन 46 निकायों के रिजल्ट जारी हुए उनमें से 22 में सत्ता की चाबी निर्दलीय पार्षदों के पास थी। मतदान में अधिकांश निर्दलीय सदस्यों ने कांग्रेस के बोर्ड बनवाने में अहम भूमिका निभाई। सरकारी रिकॉर्ड में यूं तो भरतपुर की रूपवास नगर पालिका से भाजपा की बबीता तथा जैसलमेर नगर परिषद से निर्दलीय हरवल्लभ कल्ला जीते हैं, लेकिन इन दोनों ने जीतने के तुरंत बाद ही कांग्रेस ज्वाइन कर ली। ऐसे में कांग्रेस का आंकड़ा 37 तक पहुंचा है।